चांद और चकोर

चांद और चकोर

भला चांद ने भी किसी को प्यार में अपना बनाया है

तुमही कहो क्या कभी किसी चकोर को गले लगाया है।

तुम मेरे हो
यह कहकर
कभी उसे बुलाया है

यह तो बस चकोर ही है
जिसने चांद पर अपना सर्वस्व मिटाया है।

Sangam Insight

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