एहसान एहसास

एहसान /एहसास

एहसान का एहसास होना कितना जरूरी है

यह हर किसी को नहीं होता,
हर वक्त भी नहीं हो पाता।

एहसान मन से स्वीकार करने का गुण है,
इसे जबरदस्ती लादा भी नहीं जा सकता।


एहसास होगा ,
तो ही,
एहसान महसूस होगा।
जब एहसास का बोध ही नहीं
तो क्या किसी के एहसान का महत्व होगा।

नमन करना,
झुकना ,
हमारी संस्कृति का हिस्सा है।
मां प्रकृति ने भी, प्रचुरता से अपनी, हमें नवाजा है।

ईश्वर के इस, एहसान का एहसास होना,
कितना जरूरी है।

यह अंतर- मन के,
प्रभु से ,
प्यार के किस्से हैं।

आओ उनको,
याद करें ,
नमन करें,
पुकारें,
मालिक के अहसानों का एहसास करना जरूरी है ,
बहुत जरूरी है।

- Sangam Insight

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