चरेवेति चरेवेति

चरेवेति चरेवेति

चलते रहो चलते रहो
अकेले हो चलते रहो

कितनी भी बाधा हो ,
धीरे-धीरे चलते रहो, थक कर बैठो नहीं,
कभी रेंग कर भी
चलते रहो,
पैरों से नहीं तो मन से ही चलते रहो, चलते रहो, चलते रहो,
अकेले हो,चलते रहो।

चलते रहना जीवन है ,
रुकना ,थमना, छोटे-छोटे विश्राम है, आराम है ,

तुम्हारा लक्ष्य नहीं ,
सो उठो ,और चलते रहो ,
चलते रहो चलते रहो
अकेले हो चलते रहो ।


चलना एहसास है, कि तुम जीवित हो,
असीमित हो, असीम की ऊर्जा में, अपने संकल्पों के साथ ,
खुद के लिए, चलते रहो।
अकेले हो, चलते रहो
बस चलते रहो।

चलते रहो, चलते रहो।
चरेवेति चरेवेति चरेवेति

-SangamInsight

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