आनंद

आनंद

आनंद की इस घड़ी में ही हे कान्हा तुम कितने पास हो

सारा जहां है तुम्हारा
फिर चाहे हो हस्तिनापुर यह अर्जुन का वनवास हो
बस बाग डोर मेरी पकड़े रहना
फिर कहीं गुम ना हो जाऊं तेरी बनाई सृष्टि में
हे भगवन् सदा मैं रहूं अब तेरी दृष्टि में

आनंद की इस घड़ी में हे कान्हा तुम कितने पास हो ~

Sangam Agrawal

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