आशाएं !

आशाएं !

आशाएं भोली होती है
मन के कोने में दुबकी बैठी रहती हैं।

आशाएं
आस लगातीं हैं प्यास के बुझने की, किसी पर मर मिटने की ,
किसी को अपना बनाने की,
किसी का हो जाने की,
कुछ पाने की ,
कुछ कर जाने की,

मन के कोने में दुबकी बैठी रहती हैं।
भोली होती हैं आशाएं।


उम्मीदों से बंधी डोर होती हैं आशाएं
हम होंगे कामयाब गुनगुनाती हैं आशाएं
कल हो ना हो
हम भी याद आएंगे बुदबुदाती हैं आशाएं
मन का दीप जलाती है आशाएं
ढांढस बंधाती हैं आशाएं
साहस बढ़ातीं हैं आशाएं
हौसलों में पंख लगातीं हैं आशाएं

भोली होती है आशाएं
मन के कोने में दुबकी बैठी रहती है आशाएं

आशाओं मेंभय-भ्रम नहीं होता
आकाश से बतियाती है आशाएं

इन आशाओं को गुम ना होने देना
किसी भी कीमत पर खुद से जुदा ना होने देना

शक्ति का संचार माध्यम है ये आशाएं

शक्ति का आधार हैं भोली प्यारी आशाएं।

या देवी सर्वभूतेषु आशा रुपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै।

Sangam Insight

Your Feedback Matters – Drop a Comment Below!