मां भगवती का प्यार

मौन हो जा

 मन  तू  मौन  हो जा

सब बहरे हैं यहां

तेरी स्वरों की जगह कहां

मौन हो जा

मन तू मौन हो जा

दर्द की दवा खुद तेरे पास है

आंसू तो सिर्फ एक एहसास है

मन को कर बुद्धि के हवाले

जय माता की कहकर मैया की ज्योत जगा ले

आत्मा सबकी अजर अमर

आने जाने के हैं सिर्फ यह सिलसिले

कल फिर मुलाकात होगी

डर मत अंधेरे से

कल की सुबह नई शुरुआत होगी

जीवन जीने का नाम है

शिकायतों से ना डर

आंसू पौंछ

हंसकर जिंदगी को गले लगा ले

तेरी मुस्कुराहट में ही ईश्वर है

मां भगवती का प्यार ही तेरी असली धरोहर है।

मौन हो जा

मन तू मौन हो जा।

 

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