मेरा आसमान मुझे बुलाए

मेरा आसमान मुझे बुलाए

" मेरा आसमान मुझे बुलाए "

मन आज खुद से खुद को आजादी दिलाये
हवा में उड़ रही हूं पंख फैलाए

उम्मीद बदल गई हैं उमंगों में
सैकड़ो सितार हों जैसे झनझनाए
लग रहा है जैसे
अब मेरा आसमान मुझे बुलाये

यही यही तो मेरा गंतव्य था जो खुशी सदा मुझे देता था
मैं अलग हूं सबसे लोगों के बीच रहकर सीखा
अब डर नहीं मन को
कि कहीं कुछ गलत ना हो जाए
बांहों को फैलाकर मेरा आसमान मुझे बुलाए

दूर बहुत दूर चले जाना है
पता नहीं लौट कर आना है या ना आना है

जीवन पथ पर रुकना नहीं थमना नहीं डरना नहीं
एक छत नहीं हर साल नया घोंसला बनाना है
खग की भाषा खग ही जाने
कागभुसुंडि मन आज गुनगुनाये
मेरा आसमान मुझे बुलाए


कल सुरक्षित थी या थी मैं कैद में
चिड़िया तो हुई मगन लगी अब चहकने
चिर प्रतिक्षित आसमानों में परिंदों के बीच अपनों को पाये
अब मेरा आसमान मुझे बुलाए .

Sangam Agrawal

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