What else can I tell you – क्या-क्या बताएं !

क्या-क्या बताएं क्या-क्या हो गया।

क्या क्या बताएं
क्या क्या हो गया।
समझना था कुछ और कुछ और समझ गए।


पाठ पढ़े बहुत, बहुत अच्छे थे पढ़ाने वाले
जिंदगी ने बदल दिये सब प्रश्न ,
उत्तर न था एक भी, फिर कोरी ही उत्तर पुस्तिका
कर दी प्रभु के हवाले।

 

एक-एक दिन एक एक पल
लगा ब्रह्मा जी का है,
बुद्ध प्रबुद्ध
शील सुशील और भी न जाने कितने,

सबसे मुलाकात हुई, जो कभी न सोच में थे, ना ही थे सपने में,

हर एक की हालत खुद सी ही पाई,
मर्ज कुछ और था, हाथ में सबके थी दूसरी दवाई।


आत्मविश्वास से भर गए,
या विश्वास में खो गए,
हाथ पकड़ रखा है उन्होंने,
अब ना कहेंगे कि हम खो गए।


सफर है यह
और साथ में कई साथी,

दिल लगाओ या करो दिल्लगी,
सब सही, अगर करते हो बंदगी।

नजर में है उनकी सब,
कुछ करो, ना करो, वो हैं बेसबब़ब।

सिर्फ नियत पर ही नियति नियत है,

यही है पाठ ,
जिंदगी ही है पाठशाला,
चूक गए जो नियत से,
काम ना आए किसी का भी हवाला ।

यही बस यही याद रह गया,
कल आएगा आने वाला पल, जो
बीत गया सो बीत गया ।

क्या-क्या बताएं, क्या-क्या हो गया। क्या क्या ना हो गया।

- Sangam Insight

Your Feedback Matters – Drop a Comment Below!