यूं ही कोई अच्छा नहीं लगता !

यूं ही कोई अच्छा नहीं लगता
ऐसे ही कोई किसी के जीवन का हिस्सा नहीं बनता
कुछ तो खास होता है
कुछ तो अलग होता है
कुछ तो एक दूसरे से मिलता जुलता किस्सा होता है।


यूं ही कोई किसी को अच्छा नहीं लगता है।

पहली बार देखा तब ऐसा कुछ खास नहीं था।

दूसरी तीसरी बार भी कहां ध्यान से देखा था।

वह तो रोज-रोज तुम्हारे ध्यान देने पर
मेरा ध्यान तुम पर गया था,
वह लम्हा कितना अलग था
वही मेरे जीवन का खास हिस्सा था।

यूं ही कोई किसी को अच्छा नहीं लगता है।
कुछ तो खास होता है।

आदतें तुम्हारी कब अच्छी लगती गईं,
शाम सुनहरी
रात हसीन होती गईं
कल था इंतजार एक पल का ,
कब इंतजार
पूरी जिंदगी का बन गया।
मिलना हमारा तुम्हारा कितना खास बन गया।
कल तक अधूरी थी कहानी,
आज पूरा किस्सा बन गया।
यूं ही कोई किसी को अच्छा नहीं लगता,
कुछ तो खास होता है।
ऐसे ही कोई किसी के जीवन का हिस्सा नहीं बनता

Sangam Insight

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